CSIR-CMERI ने बनाया ऑक्सीजन संवर्धन यूनिट, ऑक्सीजन की बढ़ती खपत के बीच किया स्वदेशी आविष्कार
नई दिल्ली।
देश में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या ने मेडिकल ऑक्सीजन की मांग में भी बढ़ोतरी कर दी है। ऐसे में सीएसआईआर के दुर्गापुर में स्थित केंद्रीय मैकेनिकल शोध संस्थान ने स्वदेशी तकनीक से एक ऑक्सीजन संवर्धन यूनिट तैयार किया है। इस उपलब्धि से कोरोना काल में लोगों का जीवन बचाने में काफी मदद मिलने की उम्मीद है।
ऑक्सीजन की बढ़ती खपत के बीच स्वदेशी आविष्कार
दुर्गापुर में स्थित केंद्रीय मैकेनिकल शोध संस्थान ने पोर्टेबल ऑक्सीजन एनरिचमेंट यूनिट तैयार किया है। यह पोर्टेबल होने के साथ-साथ सस्ता भी है। इस समय यह आविष्कार देश में बहुत बड़ी भूमिका भी अदा कर सकता है। यह देश में हो रही ऑक्सीजन की किल्लत को पूरा कर सकता है।
COPD और खून में ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे लोगों को मिलेगी मदद
बताना चाहेंगे, अस्पतालों में निर्बाध ऑक्सीजन की आपूर्ति के तहत दुर्गापुर स्थित केंद्रीय मैकेनिकल शोध संस्थान ने स्वदेशी तकनीक से ऑक्सीजन संवर्धन की ये नई तकनीक विकसित की है। यह उपकरण हमारे आसपास की वायु से नाइट्रोजन को अलग करके ऑक्सीजन को इकट्ठा करता है ताकि ऑक्सीजन संवर्धित हवा की आपूर्ति कर सके। यह संवर्धित ऑक्सीजन श्वास से ग्रस्त रोगियों को ऑक्सीजन मास्क या नाक द्वारा डाली गई नली से दी जाती है। ये उपकरण दूर-दराज के इलाकों, घरों और अस्पतालों आदि में उन मरीजों के लिए प्रयोग किया जा सकता है, जो छाती संबंधी रोगों और खून में ऑक्सीजन की मात्रा की कमी से जूझ रहे हैं।
MSME के पास तकनीक का इस्तेमाल कर यूनिट तैयार करने का अवसर
सीएसआईआर-सीएमईआरआई के निदेशक प्रोफेसर डॉ. हरीश हिरानी बताते हैं, ऑक्सीजन एनरिचमेंट यूनिट बनाना और उसे डिस्ट्रिब्यूट करना सीएसआईआर- सीएमईआरआई का अभिन्न अंग है। हम इस तकनीक को जगह-जगह बनाना चाहते हैं। इसलिए हम MSME को रिक्वेस्ट कर रहे हैं कि वे आगे आकर इस तकनीक को हमसे लें और जगह-जगह इस यूनिट को तैयार कर डिस्ट्रिब्यूट करें।
हैदराबाद की एक कंपनी को यह तकनीक की गई हस्तांतरित
सीएसआईआर-सीएसआईआर द्वारा विकसित ऑक्सीजन संवर्धन यूनिट 30 एलपीएम तक ऑक्सीजन संवर्धित वायु की आपूर्ति करने में सक्षम है। यह गुणवत्ता ऐसे अन्य उपलब्ध व्यवसाय यूनिटों से अधिक है। इस यूनिट की लागत लगभग 35 हजार रुपए है और इसकी तकनीक तेलंगाना की एक कंपनी को हस्तांतरित की गई है।