दो बेटियों की शादी के इंतेजाम कर पाने में असमर्थ था पिता, सोशल मीडिया के जरिए मांगी मदद, लोगों ने धूमधाम से करवा दी शादी

दो बेटियों की शादी के इंतेजाम कर पाने में असमर्थ था पिता, सोशल मीडिया के जरिए मांगी मदद, लोगों ने धूमधाम से करवा दी शादी

राजस्थान पोस्ट। डूंडलोद 

डूंडलोद गांव में एक पिता ने बेटी के हाथ पीले करने का मन बनाया। विवाह तय हुआ, 25 जून को डोली उठनी थी, लेकिन पिता शादी के इंतेजाम कर पाने में असमर्थ था। लेकिन डूंडलोद के एक बाल्मीकि परिवार के लिए कई संस्थाएं, गांव के लोग व जनप्रतिनिधि देवदूत बनकर आए और एक साथ दो बेटियों का धूमधाम से शादी करवा दी।  इन बेटियों के विवाह की पूरी जिम्मेदारी इन्हीं संस्थाओं ने उठाई, शादी में कोई कमी खलने नहीं दी। जानकारी के अनुसार डूंडलोद गांव में राजू बाल्मीकि को अपनी दो बेटियों की शादी की बहुत चिंता थी, राजू का चार साल पहले एक्सीडेंट हो गया था, जिसके कारण उसका पैर फेक्चर हो गया, जिसके बाद उसने भारी काम करना बंद कर दिया, वह गांव में सफाई कार्य करने लगा, पत्नी सरोज भी सफाई का काम करने लगी। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। राजू ने अपनी बेटियों की शादी की चर्चा मोहल्ले के लोगों से की। इसके बाद सरोज ने आरीफ गोठड़ा ने संपर्क किया। इसके बाद आरीफ गोठड़ा ने सोशल मीडिया पर मैसेज डालकर मदद मांगी, फिर क्या था बेटियों की शादी के लिए कई संस्थाएं भामाशाह व जनप्रतिनिधि आगे आए, इन लोगों ने अपनी- अपनी जिमेदारी समझ कर शादी  बड़ी धूमधाम से करने का संकल्प  लिया। आरीफ गोठड़ा ने बताया कि दायजा का सामान हमारी बिटियां  हमारा गौरव सेवा संस्थान ने ,21 हजार व दो सिलाई मशीन कन्यादान फाउंडेशन ग्रुप ने व शादी का खाने-  पीने की पूरी जिम्मेदारी पहचान फाउंडेशन जयपुर ने उठाई। हरियाणा से आए समाजसेवी हर्ष छिकारा ने बताया कि हम ऐसे  काम के लिए हमेशा तैयार रहते है।  कांग्रेस नेता राजपाल शर्मा भी शादी में शरीक हुए, उन्होंने कहा कि वे हर संभव मदद के लिए वे तैयार है।  रविवार को को गाजे बाजे और धूमधाम से वैदिक परम्परा से मुस्कान व सोनू की शादी करवाई गई। सीकर से बारात आई। शनिवार की रात बेटियों को घोड़ी पर बैँठाकर बिंदोरी निकाली गई थी। इस दौरान खुशी का माहौल था। आरीफ गोठड़ा ने बताया कि पहचान फाउंडेशन अब तक 22 शांदियां करवा चुका है।