नए आईटी नियम निजता के खिलाफ नहीं, गंभीर मामलों में ही संदेश के मूल स्रोत की ली जायेगी जानकारी: केंद्र सरकार
नई दिल्ली।
नए सोशल मीडिया नियमों को लेकर केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सरकार निजता के अधिकार का सम्मान करती है। वाट्सऐप जैसे संदेश मंचों को नए आईटी नियमों के तहत चिन्हित संदेशों के मूल स्रोत की जानकारी देने को कहना निजता का उल्लंघन नहीं है। अपने कू अकाउंट पर इस विषय में जानकारी देते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि नये नियमों का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि नियमों में उल्लिखित विशिष्ट अपराधों को अंजाम देने वाले संदेशों की शुरुआत किसने की।
Government fully recognises and respects the right of privacy. Ordinary users of WhatsApp have nothing to fear about the new Rules. Its entire objective is to find out who started the message that led to commissioning of specific crimes mentioned in the Rules. pic.twitter.com/VCVYkwiftG
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) May 27, 2021
सरकार सवाल पूछने के अधिकार सहित आलोचना का स्वागत करती है: केन्द्रीय मंत्री
केन्द्रीय मंत्री ने कहा,‘’ऑफेंसिव मैसेज के पहले ओरिजिनेटर के बारे में जानकारी देना पहले से ही प्रचलन में है। ये मैसेज भारत की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, बलात्कार, बाल यौन शोषण से संबंधित अपराधों से संबंधित है।” रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि नए नियम को सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए बनाया गया है। सरकार सवाल पूछने के अधिकार सहित आलोचना का स्वागत करती है। नियम केवल सोशल मीडिया के सामान्य उपयोगकर्ताओं को तभी सशक्त बनाते हैं, जब वे दुर्व्यवहार और दुरुपयोग का शिकार हो जाते हैं।
क्या हैं नए नियम?
जानकारी के लिए बता दें कि सोशल मीडिया से सम्बंधित नए नियमों की घोषणा 25 फरवरी 2021 को की गई थी। इन नियमों को लागू करने के इन सभी कंपनियों को तीन महीने का समय दिया गया था। नियमों का पालन न करने के परिणामस्वरूप इन सोशल मीडिया कंपनियों पर कार्रवाई की जा सकती है। इन नए नियमों के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और वाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया मंचों (जिनके देश में 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ता हैं) को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी।
इसमें मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और भारत स्थित शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं। इन नियमों का पालन न करने पर इन कंपनियों को अपने इंटरमेडियरी दर्जे को खोना पड़ सकता है। यह स्थिति उन्हें किसी भी तीसरे पक्ष की जानकारी और उनके द्वारा होस्ट किए गए डाटा के लिए देनदारियों से छूट और सुरक्षा प्रदान करती है।