हिम्मत और जज्बे से भरी है दिव्यांग राकेश की कहानी, चिड़ावा से मेहंदीपुर बालाजी तक ट्राइसाइकिल से यात्रा करेगा राकेश, 15 दिन में यात्रा यात्रा होगी पूरी

हिम्मत और जज्बे से भरी है दिव्यांग राकेश  की कहानी, चिड़ावा से मेहंदीपुर बालाजी तक ट्राइसाइकिल से यात्रा करेगा राकेश, 15 दिन में यात्रा यात्रा होगी पूरी

राजस्थान पोस्ट। नवलगढ़

तन से वह जरूर दिव्यांग हैं, लेकिन मन मजबूत और दृढ़ संकल्पित। अपनी हिम्मत, हौसले और जुनून के बूते चिड़ावा के रहने वाले 40 वर्षीय राकेश कुमार चेजारा ने कुछ अलग करने की जिद की है। राकेश के जज्बे को देखकर नवलगढ़ के लोगों ने उसकी हिम्मत को सलाम किया। दिव्यांग राकेश कुमार ने चिड़ावा से मेहंदीपुर बालाजी तक यात्रा ट्राइसाइकिल से यात्रा करने की ठानी है। राकेश ने शुक्रवार सुबह 10.15 बजे से चिड़ावा से मेहंदीपुर बालाजी के लिए ट्राइसाइकिल से अपनी यात्रा शुरू की। वे शनिवार की रात 10.35 बजे नवलगढ़ में अपने मामा श्यामलाल घोड़ला के घर पर पहुंचे। रविवार सुबह अरविंद आशीवाल के नेतृत्व में लोगों ने उसका स्वागत किया व उसके हौसले को सलाम किया।

बचपन में हो गया था पोलिया

राकेश कुमार ने बताया उसे बचपन में पोलियो हो गया था, जिसके कारण उसके पैर पूरी तरह से कमजोर हो गए। दो साल पहले उसे ट्राइसाइकिल मिल गई। उसके पिता सांवरमल खाटू धाम जाते रहते थे, इसके कारण उसकी भी धर्म के पप्रति आस्था बढ़ गई। इसके बाद धार्मिक स्थलों की यात्रा ट्राइसाइकिल से करने की ठानी। वह ट्राइसाइकिल से खाटू व सालासर धाम गया। उसकी बालाजी के प्रति गहरी आस्था थी, उसने मेहंदीपुर बालाजी जाने की ठानी। इसके बाद उसने मेंहदीपुर बालाजी के लिए यात्रा शुरू कर दी।

15 दिन में पूरी होगी यात्रा

चिड़ावा से मेहंदीपुर बालाजी तक उसकी यात्रा 15 दिन में पूरी होगी। वह प्रतिदिन 15-20 किमी की दूरी तय करता है। रात को वह धर्मशाला व मंदिर में रूकता है। जहां पर इंदिरा रसोई होती है वहां पर खाना खाता है। उसकी ईच्छा वैष्णो माता के दरबार तक जाने की है, राकेश ने बताया कि उसे भगवान पर भरोसा है, भगवान उसकी हर ईच्छा पूरी करेंगे।

युवाओं को दिया संदेश

दिव्यांग राकेश ने युवाओं में चोरी की बढ़ रही प्रवृति पर गहरी नाराजगी जताई, उन्होंने कहा कि युवाओं को  चोरी-चकारी से दूर रहे। युवा पढ़ाई कर रहे है तो पूरी लगन व मेहनत के साथ करें, मेहनत करवाने वालों को जरुर सफलता प्राप्त होती है। युवाओं में मोबाइल की लत बढ़ रही है, यह भी गलत है।