बहला-फुसला कर बेची जा रही महिलाओं को उनके घर तक पहुंचाने में लगा हैं झुंझुनूं का स्वाधार गृह

बहला-फुसला कर बेची जा रही महिलाओं को उनके घर तक पहुंचाने में लगा हैं झुंझुनूं का स्वाधार गृह

झुंझुनूं के स्वाधार गृह ने एक साल में 20 से ज्यादा महिलाओं, युवतियों को उनके परिजनों से मिलवाया

झुंझुनूं।

विभिन्न राज्यों से बहला-फुसला कर शादी के लिए झुंझुनूं जिले व अन्य स्थानों पर बेची जा रही महिलाओं को उनके घर तक वापस पहुंचाने में झुंझुनूं का स्वाधार गृह महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। पिछले एक साल में इस संस्था ने 20 से ज्यादा महिलाओं, युवतियों को उनके परिजनों से मिलवाया है। इसी कड़ी में बुधवार को गोरखपुर की रजिया उर्फ़ काजल को स्वाधार गृह की परामर्शदाता की समझाइश के माध्यम से उसके परिवार जनों का पता लगा कर उसके पति सचिता व बहन कुमारी सफिया के साथ गोरखपुर भेजा गया। 
स्वाधार गृह की केंद्र अधीक्षक सरोज देवी व परामर्शदाता मीनाक्षी सैनी ने बताया कि रजिया को कुछ दिन पहले एक आदमी बहला-फुसला कर झुंझुनूं लाया था और उसे शादी के नाम पर मंड्रेला के एक आदमी को बेच दिया। लेकिन एक दिन मौका पाकर रजिया वहां से भाग निकली। उसे यहां-वहां भटकते देख मंड्रेला पुलिस ने उसे स्वाधार गृह पहुंचाया। यहां उसकी काउंसिलिंग से उसके घरवालों का पता लगाया गया। बुधवार को उसके घरवाले आकर उसे ले गए और स्वाधार गृह की टीम को धन्यवाद दिया। 
भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सौजन्य से जिला पर्यावरण सुधार समिति की ओर से संचालित स्वाधार गृह में घरवालों से बिछड़ी हुई, प्रताड़ित महिलाओं को उनके घर तक पहुंचाया जा रहा है। समिति के सचिव राजेश अग्रवाल ने बताया कि अभी भी स्वाधार गृह में तीन महिलाएं हैं जिनके घरवालों की तलाश की जा रही है। इनमें एक बिहार की है जिसके पति तक सूचना पहुंचाई गई है और वे जल्द ही उसे लेने आने वाले हैं। इस महिला को सिंघाना पुलिस ने केंद्र में पहुंचाया था। एक महिला खुद को मध्यप्रदेश की बताती है, लेकिन उसका सही पता नहीं बता पा रही है। इसे भी सिंघाना पुलिस लाई थी। एक युवती करीब 19 साल की है, लेकिन वह गूंगी-बहरी होने से कोई जानकारी नहीं दे पा रही है। इसे उदयपुरवाटी पुलिस स्वाधार गृह लेकर आई थी। यहां की टीम सभी उनके घरों तक पहुंचाने के लिए प्रयास कर रही है।