नवलगढ़ के भगेरा गांव में निकली अनूठी बारात, करीब 50 साल बाद भगेरा में निकली ऊंटगाड़ी पर बारात, दुल्हे के पिता ने फैलते प्रदूषण पर जताई चिंता

नवलगढ़ के भगेरा गांव में निकली अनूठी बारात, करीब 50 साल बाद भगेरा में निकली ऊंटगाड़ी पर बारात, दुल्हे के पिता ने फैलते प्रदूषण पर जताई चिंता

झुंझुनूं।

नवलगढ़  के भगेरा गांव में एक बारात लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गई। बारात 11 ऊंटों पर निकाली गई थी। भगेरा से बारात घंटेभर में पांच किलोमीटर दूरी तय कर बुगाला पहुंची। इस अनूठी बारात को देखने हर कोई घर से बाहर निकल आया। भगेरा निवासी धूड़ाराम ने दूल्हे बने अपने बेटे राजवीर की बारात शुक्रवार को शाम ऊंटगाड़ियों पर निकाली। एक साथ सजी धजी 11 ऊंटगाड़ियों पर बाराती बैठे थे। बारातियों का उत्साह चरम पर था। भगेरा गांव में ऊंटगाड़ियों पर बारात करीब 50 साल बाद ही देखने को मिली है। बुगाला गांव की सीमा पर बारातियों का स्वागत किया गया। भगेरा से लेकर बुगाला तक लोगों ऊंट गाड़ियों पर आई बारात का पलक पांवड़े बिछाकर स्वागत किया और काफी उत्साहित नजर आए। दूल्हे के पिता धूड़ाराम ने बताया कि वे फैलते प्रदूषण को लेकर चितिंत है, इसलिए ऊंटगाड़ों पर बारात निकालने का निर्णय लिया। इस बारे में बेटे व पत्नी को बताया तो उन्होंने भी इस पर सहमति जता दी। पहले इतने ऊंट गाड़ों की व्यवस्था करना थोड़ा कठिन लग रहा था। ऊंट गाड़ियों के लिए गांव और दूसरे गांवों में संपर्क किया। भगेरा निवासी राजवीर की शादी सिर्फ ऊंटगाड़ियों के कारण यादगार नहीं बनी। राजवीर ने शादी में दहेज भी नहीं लिया। सिर्फ एक नारियल और एक रुपए को ही दहेज मानकर उसने शादी कर ली। बुजुर्ग लोगों का मानना है कि इस तरह से कम दूरी की बारातों में जो ऊंट गाड़ियों से बारात ले जाने का चलन दुबारा शुरू हुआ है इससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। दुल्हे का पिता खेती-बाड़ी का काम करता है।