सेना में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार, फर्जी एडमिट कार्ड व ज्वॉनिंग लेटर देकर करते थे ठगी

सेना में भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार, फर्जी एडमिट कार्ड व ज्वॉनिंग लेटर देकर करते थे ठगी

 नवलगढ़.
नवलगढ़ पुलिस ने सेना भर्ती के नाम बेरोजगार युवकों से ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दो शातिर ठगों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। नवलगढ़ पुलिस अब इस गैंग में शामिल अन्य सदस्यों में तलाश में जुट गई है। सीआई सुनील शर्मा ने बताया नवलड़ी निवासी विकास कुमार जाट ने एक व्यक्ति के खिलाफ सेनाभर्ती के नाम पर 28-29 लाख रुपए ठगने का आरोप लगाते हुए किरण के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद इस मामले की जांच एसआई कंचन को सौंपी गई व तकनीकी जांच शुरू कर एक टीम एसआई के नेतृत्व में दिल्ली –एनसीआर भेजी गई।  टीम के द्वारा तकनीकी आधार पर जांच करने के बाद दिल्ली से सौरभ श्रीवास्तव निवासी शिव विहार दिल्ली को बाद पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पुलिस ने ठग किरणपाल उर्फ किरणसिंह जाटव कुमार निवासी औरंगपुर मीरपुर  निवासी यूपी को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया। सौरभ को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे आठ  दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। 
सौरभ करता था बेरोजगार युवाओं से संपर्क
जांच में सामने आया कि शातिर ठग सौरभ श्रीवास्तव कई राज्यों के बेरोजगार युवकों को संपर्क का नौकरी दिलाने का झांसा देता था, बेरोजगार युवाओ को नौकरी दिलवाये जाने का विश्वास दिलाता था। युवकों को विश्वास में लेने के लिए उन्हे पूर्व के अन्य युवकों को नौकरी दिलाने के संबंध में नियुक्ति पत्र दिखाता व अन्य युवकों के एडमिट कार्ड दिखाता। इसके बाद युवकों को मेडिकल का कॉल लेटर दिखाता। संपर्क में आने वाले युवकों से लगातार संपर्क में रहता और उनको नौकरी लगाने के सपन दिखाकर विश्वास में लेता रहता। जब टारगेट किया गया युवा उस पर पूरा विश्वास कर लेता तब अन्य युवाओं का इस्तेमाल करता। सौरभ 10-15 अन्य युवकों का ग्रुप तैयार करता। फिर दिल्ली के महंगे होटलों में कागजात मंगवाता व कागजात जांच का दिखावा कर पहली किस्त प्राप्त करता। फिर मेडीकल के लिए लेटर जारी करते और निशाने पर आए युवकों को दिल्ली व रांची बुलाते। वहां पर फर्जी तरीके से मेडीकल जांच करवाते और दूसरी किस्त प्राप्त कर लेते। इसके बाद बेरोजगार युवकों से सैंटिग करवाने के बहाने समय मांगते। इसी दौरान वह तीसरी किस्त भी प्राप्त कर लेते। 
तीसरी किस्त लेने के बाद करते से थे फर्जी एडमिट कार्ड जारी
शातिर ठग तीनों किस्त लेने के बाद  अभ्यर्थीगण को एक एडमिट कार्ड जारी करते थे, जिस पर सेना की मुहर लगी होती थी और फर्जी तरीके से परीक्षा में शामिल होने का झांसा देते थे । आरोपी युवकों से कहते थे कि जो पैसे दे रहे हो उसके कारण आपको परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं है, आप तो केवल परीक्षा की उपस्थिति पत्रक पर हस्ताक्षर कर दो, परीक्षा में पास हो जाओगे। इस प्रकार अभ्यर्थी को विश्वास दिलाया जाता था कि उसकी परीक्षा निष्पादित हो चुकी है और इसके बाद तय की गई पूरी राशि वसूल लेते थे। 
वाट्सएप्प के जरिए भेजते सेना का नियुक्ति पत्र
पूरा पेमेंट लेने के बाद आरोपी अभ्यर्थीगण से एडमिट कार्ड वापस मंगवा लेते थे और सेना भर्ती का नियुक्ति पत्र वाट्सएप्प पर भेज देते थे। आरोपियों ने रांची में फर्जी कैंप भी खोल रखा था, वे अभ्यर्थीगण को ज्वाइनिंग कराने का नाटक रचते। इस फर्जी कैंप पर मिलीट्री इन्टेलीजेन्स का पूर्व में छापा पड़ चुका है और इस प्रकरण में गिरफ्तार अभियुक्त के रांची में काम करने वाले साथी अभियुक्त रांची में पूर्व में गिरफ्तार हो चुके है।
वाट्सएप व इंटरनेट कॉलिंग के जरिए रहते है संपर्क
शातिर ठग मोबाइल सिम का एक बार इस्तेमाल करने के बाद तोड़ देते थे, यह आरोपी वाट्सएप व इंटरनेट कॉलिंग के जरिए एक दूसरे से संपर्क में रहते थे, ताकि पुलिस इनको पकड़ नहीं सके। इस कारण पुलिस के सामने आरोपियों तक पहुंचना एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन पुलिस ने उच्च तकनीकी का उपयोग करते हुए आरोपियों को ट्रेस आऊट किया। 
पुलिस ने कहा कि बिहार पुलिस से संपर्क
स्थानीय पुलिस ने रांची में मिलिट्री इन्टेलीजेंस के द्वारा दर्ज मुकदमे के संबंध में बिहार पुलिस से संपर्क किया है। पुलिस अब इस बात में जुटी हुई कि इस गैंग में कितने सदस्य है व इस गैंग ने अब तक कितने बेरोजगार से ठगी है। प्रकरण में अनुसंधान जारी है रांची में मिलिट्री इन्टेलीजेंस के द्वारा दर्ज मुकदमें के संबंध में बिहार पुलिस से संपर्क किया है। इस टीम में सीआई सुनील शर्मा, एसआई कंचन, एचसी विकास, संजय, प्रवीण, मुकेश कुमार शामिल थे। 
यह है पूरा मामला
नवलड़ी के युवक विकास जाट ने मुकदमा दर्ज कराया था। विकास जाट के मित्र अनिल,रविन्द्र,मनोज,आनन्द,रविन्द्र से 28-29 लाख रुपए ठग लिए थे।