World Environment Day दिवस कल: कोरोना ने सीखा दिया पर्यावरण दोस्ती करना, लोग अपने घरों में तैयार कर रहे हैं गार्डन, कल लेंगे सवा तीन महीने में 11 लाख पौधे लगाने का संकल्प

आखिर क्यों मनाया जाता है विश्व पर्यावरण दिवस, इस बार क्या रखी गई थीम

World Environment Day दिवस कल: कोरोना ने सीखा दिया पर्यावरण दोस्ती करना, लोग अपने घरों में तैयार कर रहे हैं गार्डन, कल लेंगे सवा तीन महीने में 11 लाख पौधे लगाने का संकल्प

झुंझुनूं।

5 जून को पुरे विश्व में हर साल विश्व पर्यावरण दिवस यानी World Environment Day मनाया जाता है। लोग इस दिन पेड़- पौधे लगाकर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक करते है। कोरोनाकाल में इस बार जैसा ऑक्सीजन संकट खड़ा हुआ, शायद ऐसा पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। लोगों ने इस बार सबक लिया कि पर्यावरण के बिना मनुष्य जीवित नहीं रह सकता। लोग अब पर्यावरण के प्रति जागरुक करने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा ले रहे है। कोरोनाकाल में लॉक डाउन रहा तो लोगों ने वापस हरियाली के बीच जीना सीख लिया लोगों ने अपने घरों में गार्डन तैयार कर लिए। लोगों को यह बात समझ में आ गई कि पर्यावरण के साथ दोस्ती रखकर सही ढंग से जिंदगी जी सकते है।

आज हम भी पर्यावरण दिवस के बारे में बात करेंगे, इस दिन को पांच जून को ही क्यों मनाया जाता है या इससे फायदा क्या होता है?

अगर आप भारत के किसी बड़े शहर में रहते हैं, तो आप जानते होंगे कि यहां रह रहे लोग हर साल बढ़ते तापमान और प्रदूषण के बीच किस तरह जी रहे हैं। प्रदूषण ने पूरी दुनिया को पूरी तरह से जकड़ लिया है। आज तेज़ी से बढ़ता तापमान और प्रदूषण इंसानों के साथ-साथ पृथ्वी पर रह रहे सभी जीवों के लिए बड़ा ख़तरा बन गया है। यही वजह है कि कई जीव-जन्तू विलुप्त हो रहे हैं। साथ ही लोग भी सांस से जुड़े कई तरह के रोगों से लेकर कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। लोगों को शुद्ध ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है। हमने पेड़ कम लगाए और कटाई ज्यादा की। इसलिए लोगों की जिंदगी मुश्किल भरी हो गई। मुश्किल होती इसीलिए पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करना ज़रूरी है।

कब हुई विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत

सन 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से वैश्विक स्तरपर पर्यावरण प्रदूषण की समस्या और चिंता की वजह से विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की नींव रखी गई। इसकी शुरुआत स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुई। यहां दुनिया का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें 119 देश शामिल हुए थे। पहले पर्यावरण दिवस पर भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत की प्रकृति और पर्यावरण के प्रति चिंताओं को जाहिर किया था।

इस सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की नींव रखी गई थी और हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाए जाने का संकल्प लिया गया। विश्व पर्यावरण दिवस का उद्देश्य दुनियाभर के नागरिकों को पर्यावरण प्रदूषण की चिंताओं से अवगत कराना और प्रकृति और पर्यावरण को लेकर जागरूक करना रखा गया।

ये है इस साल की थीम

हर साल विश्व पर्यावरण दिवस के लिए एक थीम रखी जाती है और इस साल की थीम है 'पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली' (Ecosystem Restoration है। पारिस्थितिक तंत्र की बहाली कई तरह से की जा सकती है, जैसे- शहर-गांव को हरा-भरा करना, पेड़ लगाना, जगह-जगह बगीचों को बनाना, नदियों और समुद्र की सफाई करना आदि।पर्यावरण से ही हम हैं, हर किसी को पर्यावरण के लिए काम करना चाहिए।

कल लेंगे सवा तीन महीने में 11 लाख पौधे लगाने का संकल्प

​विश्व पर्यावरण दिवस पर नवलगढ़ प्रधान दिनेश सुंडा एक अनूठे अभियान का आगाज करेंगे। वे सवा तीन महीने में 11 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य लेकर चलेंगे। जिसमें वन विभाग द्वारा लगाए जाने वाले करीब छह लाख पौधे और अन्य लोगों द्वारा लगाए जाने वाले पौधे शामिल है। प्रधान दिनेश सुंडा ने बताया कि नवलगढ़ विधायक डॉ. राजकुमार शर्मा की प्रेरणा से इस बार करीब सवा तीन महीने के लिए पौधारोपण के साथ—साथ बीजारोपण अभियान भी शुरू किया जाएगा। जिसका आगाज पांच जून को पंचायत समिति परिसर में सुबह 10 बजे किया जाएगा। जो 16 सितंबर ओजोन दिवस तक चलेगा। प्रधान ने बताया कि फिलहाल गांवों में नीम, रोहिड़ा, अरड़ू, सिरस आदि के बीज आसानी से मिल जाते है। ऐसे में इनका बीजारोपण शुरू ​करवाया जाएगा। साथ ही बड़े पेड़ों के नीचे पनपने वाले छोटे विकसित होने वाले पौधों को भी शिफ्ट करके उसकी सार संभाल की जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके लिए पूरे जिले में डॉ. शर्मा और उनकी टीम के साथ—साथ उनकी भी युवा टीम काम करेगी। उन्होंने बताया कि इन पौधों को लगाने से लेकर मॉनेटरिंग तक की जिम्मेदारी वे करेंगे। ताकि अधिक से अधिक पौधे लगाए जा सके। जिसमें सभी सरपंचों, पंचों व अन्य जनप्रतिनिधियों को जोड़ा जाएगा।

सोशल मीडिया पर भी चलेगा कैंपेन

​प्रधान दिनेश सुंडा ने बताया कि इस सवा तीन महीने के कैंपेन को लेकर सोशल मीडिया पर भी अभियान चलाया जाएगा। साथ ही सभी लोग एक—दूसरे को देखकर प्रेरित हो। इसके लिए सभी साथियों, युवाओं और जनप्रतिनिधियों से अपील की गई है कि वे कार्यक्रम से जुड़ी जानकारी, फोटो और वीडियो आदि पोस्ट करते वक्त #jjnTreePlantChallenge हैश टेग का प्रयोग जरूर करें।