नवलगढ़ में रिश्ता शर्मसार, ढाई वर्षीय मासूम के साथ की हैवानियत की हदें पार, पीड़िता की मां का मामा गिरफ्तार

नवलगढ़ में रिश्ता शर्मसार, ढाई वर्षीय मासूम के साथ की हैवानियत की हदें पार, पीड़िता की मां का मामा  गिरफ्तार

नवलगढ़ 


नवलगढ़ के बड़सी गांव में रिश्ते को कलंकित कर शर्मसार कर दिया गया। जहां रिश्ते के नाना ने ही ढाई साल की मासूम के साथ हैवानियत की हदें पार करते हुए दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया है। दुष्कर्म की घटना के बाद मासूम की हालत गंभीर बनी हुई है। सुनी सुनील शर्मा ने बताया कि अभयंदर केंद्र के माध्यम से गोपनीय जानकारी मिली। इस सूचना को एस.पी. पुलिस ने गुप्त तरीके से इस मामले की जानकारी जुटानी शुरू की तो यह घटना सही होना पाया गया। इसके बाद पुलिस ने तुरंत ही आरोपी को मौके से गिरफ्तार कर दिया। इसके बाद आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। इसके बाद पुलिस ने पीड़िता को तुरंत राजकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद पीड़ता के पिता ने मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद एसपी राजकीय अस्पताल पहुंचे और बच्ची के उपचार के लिए उसे जयपुर रैफर कर दिया गया। एसपी ने मौके पर दी जानकारी घटना की पूरी जानकारी जुटाई।) एसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वयं ने मॉनीटरिंग की और इंटर की। एफएसएल की टीम ने मामले से जुड़े साक्षय एकत्र किए। पुलिस ने पीड़िता के पिता की रिपोर्ट पर धारा 376,376 ए बी, 376 ड व धारा 5.6 पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने इस मामले में पीड़िता की मां के मामा को गिरफ्तार किया है। 


मेडीकल बोर्ड का हुआ गठन
मेडीकल बोर्ड के माध्यम से मासूम का मेडीकल परिष्कार हुआ। राजकीय अस्पताल के पीएमओ डाॅ। सुरेश भास्कर ने बताया कि डाॅ। नेहा चौधरी, डाॅ। दीपचंद जांगिड़ व डा। प्रमोद जांगिड़ को मेडीकल बोर्ड में शामिल किया गया। इस टीम ने मासूम की मेडीकल रिपोर्ट तैयार की। विधायक डाॅ। राजकुमार शर्मा व एसपी मनीष त्रिपाठी अस्पताल पहुंचे और मामले की पूरी जानकारी जुटाई। रविवार की रात 12 बजे के करीब जेके लोन अस्पताल जयपुर के लिए 108 एकरेंस से प्रस्थान कर दिया। विधायक व एसपी रात्रि ढाई बजे तक अस्पताल में मौजूद रहे और घटना की पूरी जानकारी जुटाई।

रविवार की रात 8.45 बजे पुलिस कंट्रोलर से इस घटना के बारे में जानकारी मिली। सूचना मिलने के 10 मिनिट बाद ही पुलिस मौके के लिए रवाना हो गई है। इस दौरान दो टीमों का गठन किया गया। एक टीम को सादी वर्दी में भेजा गया। इस टीम के सदस्य ग्रामीणों के साथ अलग-अलग स्थानों पर एकत्रित हो गए। उन्होंने इस घटना के विरोध के लिए लोगों की चर्चा सुनी। पुलिस के सामने घटना घटित होने की चर्चा सामने आई। इसके बाद पुलिस पीड़िता के घर पहुंची और साक्षय प्रोत्साहन शुरू कर दिया और आरोपी की तलाश शुरू कर दी, कुछ रेर बाद पुलिस ने आरोपी को दस्ते में कर लिया।

डा। नेहा बोली दर्द से कराह रह ​​गई मासूम

दा। नेहा चौधरी ने बच्ची को संभाला। डा। नेहा ने बताया कि इस दौरान बच्ची डरी व सहमी हुई थी। घटना के बाद बच्ची दर्द से कराह रही थी। और डर से कुछ बोल नहीं पा रही थी। बच्ची को ओटी में ले जाकर प्राथमिक जांच की गई। बच्ची के चोट के निशान थे। इसके बाद बच्ची की स्थिती सामान्य होने पर जयपुर के लिए रैफर कर दिया गया। 

बच्ची के लाने से पहले अस्पताल प्रशासन हो गया था

पुलिस प्रशासन की ओर से बीसीएमओ डाॅ। गोपीचंद जाखड़ व पीएमओ डाॅ। सुरेश भास्कर को इस घटना के बारे में रात 10 बजे सूचना मिली। सूचना मिलने के पांच मिनट बाद डा। सुरेश भास्कर स्वयं सबसे पहले अस्पताल पहुंचे। इसके पांच मिनट बाद डाक्टर व स्टाफकर्मी अस्पताल पहुंच गए और बच्ची के इलाज की तैयारी शुरू कर दी। चिकित्सकों के आने के कुछ ही मिनटों के बाद पुलिस पीड़ित मासमू को लेकर अस्पताल पहुंच गई। तुरंत इलाज शुरू कर दिया गया। इसके बाद रात को पीड़िता और आरोपी की डीएनए सैंपल लिए गए। उधर, एफएसएल की टीम मौके पर सैंपल के लिए जाती है। उधर, अल सुबह तीन बजे तक चिकित्सक रिपोर्ट तैयार करते रहेंगे। इसके बाद पूरी जांच रिपोर्ट बनाकर पुलिस को सौंप दी गई।


सुनील शर्मा ने बताया कि सूचना मिलने पर वह पुलिस उपअधीक्षक के साथ बड़को पहुंच गए थे। इसके बाद घटना का सत्यापन करना उनके लिए बड़ी चुनौती थी, लेकिन उनके मन में इस बात को लेकर भी डर था कि कही आरोपी मौके से न भाग जाए, इसलिए घटना का विरोध होने से पहले ही एक टीम को आरोपी की तलाश में लगा दिया गया। । इसके बाद गोपीबल तरीके से घटना की पूरी जानकारी ग्रामीणों से जुटाई गई, इसके बाद ही परिजनों से इस घटना के बारे में जानकारी जुटाई। उन्होंने बताया कि इस मामले में पीड़िता के पिता ने इज्जत के डर से पुलिस को न तो सूचना दी और ना हीं रिपोर्ट देने के लिए तैयार थे। इसके बाद पीड़िता के पिता से काउंसलिंग की और कानून के बारे में जानकारी दी। उन्होंने लड़की के पिता का रिपोर्ट देने के लिए हौसला भी बढ़ाया। इसके बाद पुलिस को रिपोर्ट दी गई। इस दौरान एसपी मनीष त्रिपाठी और पुलिस उपअधीक्षक सतपालसिंह ने भी परिजनों का हौसला दिखाया। इस दौरान दुष्कर्म की पीड़िता की हालत खराब होने पर मै स्वयं पुलिस जीप में पीड़िता को लेकर राजकीय अस्पताल पहुंची। इस दौरान मासूम का दर्द देखा नहीं जा रहा था। 
पीड़िता का हुआ ऑपरेशन
पीड़िता मासूम का जयपुर के जेके लोन अस्पताल में एक ऑपरेशन हो चुका है। उसकी स्थिती अब ठीक है। पुलिस ने एएसआई सुरेन्द्र शर्मा और दो महिला कास्टेबल व पीड़िता मां के साथ जयपुर भेज दिया। जहां सोमवार को पीड़िता का ऑपरेशन हो गया है। 
आरोपी को किया गिरफ्तार
पुलिस ने मासूम के साथ घिनौना काम करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।  पुलिस आने की सूचना पर आरोपी गांव में ही छुप गया था, लेकिन पुलिस ने उसे ढूंढ निकाला।

पुलिस अब इस गहन जांच पड़ताल में जुट गई है कि मुलजिम की घटना के समय ऐसी क्या एकता रही जिसने उसने अपने ही परिवार की ढाई साल की बच्ची के ऐसे घिनौनी वरदात की और मासूम को इतना बड़ा दर्द दिया। 

मासूम 15 रोज पहले ही आई थे ननिहाल
पुलिस जांच में यह बात सामने आई की पीड़िता की मां अपनी ढाई साल की बच्ची के साथ अपने गांव आई थी। 19 मार्च को मासूम का पिता भी उसे लेने के लिए आ गया था, लेकिन किन कारणों से रूका, इस बारे में जानकारी नहीं मिली।]