विशेष सामग्रीः- डूंगरपुर- ‘मेरा वार्ड-मेरा गांव-मेरा जिला कोरोना मुक्त अभियान में प्रशासन की मेहनत लाई रंग

विशेष सामग्रीः- डूंगरपुर- ‘मेरा वार्ड-मेरा गांव-मेरा जिला कोरोना मुक्त अभियान में प्रशासन की मेहनत लाई रंग
 जयपुर
प्रदेश के जनजाति बाहुल्य डूंगरपुर जिले में संक्रमण के फैलाव को रोकने एवं गंभीर संक्रमितों तक पहुंच बनाने की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा की गई अभिनव पहल ‘मेरा वार्ड-मेरा गांव-मेरा जिला कोरोना मुक्त’ अभियान के तहत किये गये प्रयासों एवं प्रशासन की मेहनत  के फलस्वरूप अब जिले में कोरोना संक्रमण पर रोक लगी है।
संक्रमण पर रोक के लिए भरी गर्मी में  निरीक्षण दल के 30 अधिकारी गांव-गांव-टापरे-टापरे में  पहुचकर प्रशासन के सघन क्रास चैक अभियान को सफल बनाने की बदौलत ही 13 हजार 512 कोविड संबंधित प्रारंभिक लक्षण वाले लोगों को प्रथम स्टेज पर ही चिन्हित कर तत्काल ही मेडिकल कीट उपलब्ध कराने से संक्रमितों का समय पर उपचार शुरू हो सका।
जिला कलक्टर श्री सुरेश कुमार ओेला ने बताया कि अमूमन देखने में आ रहा था कि जिले में लोग कोरोना होने पर या तो छुपाते है अथवा प्रारंभ के चार-पांच दिनों तक लापरवाह बने रहते है, जिससे संक्रमण गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है और ऑक्सीजन लेवल 40 से 50 होने तक चिकित्सालय पहुंचते है, तब तक गंभीर स्थिति हो जाती है।
ऎसे में जिला प्रशासन द्वारा जिले में ‘मेरा वार्ड-मेरा गांव-मेरा जिला कोरोना मुक्त अभियान’ तथा ‘चिकित्सा आपके द्वार अभियान’के तहत संयुक्त प्रयास करने तथा इसकी धरातलीय क्रास चौकिंग करते हुए घर-घर-टापरे-टापरे तक पहुंचने हेतु चार दिन का सघन अभियान चलाया गया। इस अभियान का उद्देश्य ऎसे लोग जो प्रारंभिक लक्षण के बावजूद चिकित्सालय नही पहुंच रहे है अथवा लापरवाह बने हुए है, को चिन्हित कर गंभीर संक्रमण की ओर जाने से बचाना तथा समय पर चिकित्सा उपलब्ध करवाना था। इसके साथ ही बाहर से आये प्रवासियों को होम क्वारेंटीन कर प्रभावी मॉनिटरिंग करना, अधिक लक्षणों वालों को चिकित्सालय तक पहुंचाना, प्रारंभिक लक्षणों वालों को होम क्वारेंटीन करना, ऑक्सीजन लेवल के लिए प्रोनिंग विधि हेतु जागरूक करने के साथ ही, मेडिकल कीट उपलब्ध करवाना, समय पर उपचार करना तथा विवाह जैसे आयोजनों को वर्तमान समय में नहीं आयोजित करने हेतु प्रेरित करना था।
योजनाबद्ध तरीके से किया क्रियान्वयनः
इस अभियान का योजनाबद्ध तरीके से क्रियान्वयन करते हुए विभिन्न स्तरों पर विडियों कॉन्फे्रंस के माध्यम से अनेक बैठकों का आयोजन कर सभी को प्रेरित किया। अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों, सरपंच, वार्ड पंच एवं कोर कमेटियों के साथ आत्मीय संवाद करते हुए सभी को समेकित प्रयास करने तथा अपने जिले को कोरोना से मुक्त कराने एवं लगातार बढ रहे संक्रमण को रोकने की दिशा में मिलकर प्रयास करने के आह्वान के साथ लगातार प्रेरित किया।
चार दिन सघन अभियान, 838 टीमें पहुंची गांव-गांवः
अभियान के उद्देश्य को पूरा करने हेतु जिले में कुल 838 टीमें लगाई गई तथा इन टीमों में नियुक्त अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा गांव-गांव कोर कमेटियों, सरपंच, वार्ड पंच, पीईईओ, एएनएम से समन्वय स्थापित कर चेक लिस्ट के आधार पर प्रभावी मॉनिटरिंग की गई। अभियान के अन्तर्गत 3,01779 घरों के 16,32569 सदस्यों का सर्वे किया गया। सर्वे की सत्यता जांच हेतु 30 अधिकारियों को प्रभारी नियुक्त करते हुए चार दिन क्रास चैक का सघन अभियान चलाया गया। परिणामस्वरूप ऎसे 13 हजार 512 कोविड लक्षणों से संबंधित लोगों तक प्रशासन की सीधे पहुंच बनी तथा प्रशासन द्वारा ऎसे चिन्हित लोगों को प्रारम्भिक लक्षणों के आधार पर ही पर कुल 22,560 मेडिकल कीट उपलब्ध करवाये गये। अभियान के दौरान 13 हजार 595 लोगों को क्वारेंटीन तथा 8 हजार 502 लोगों को नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र पर उपचार दिलाने के प्रयास किये गये।
जिला कलक्टर ने स्वयं संभाली कमानः
जिला कलक्टर ने स्वयं अभियान की कमान संभालते हुए एडीएम कृष्णपाल सिंह चौहान, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंजली राजौरिया सहित आला अधिकारियों ने चार दिन में 353 गांव-गांव पहुंचकर चैकिंग की। साथ ही होम क्वारेंटीन लोगों से सीधा संवाद किया । इस दौरान अधिकारियों ने न केवल होम आईसोलेशन मरीजों से संवाद कर हौंसलाफजाई की वरन् स्वयं प्रोनिंग का डेमो देते हुए ऑक्सीजन लेवल बनाये रखने तथा कम होने पर नहीं घबराने व प्रोनिंग से स्थिति को संभालते हुए तत्काल चिकित्सालय पहुंचने के लिए जागरूक किया।अभियान के तहत होम आईसोलेट लोगों को प्रोनिंग विधि की जानकारी देकर जागरूक किया गया। अधिकारी स्वयं प्रोनिंग विधि को विस्तारपूर्वक बताकर ऑक्सीजन कम होने पर प्रारंभ में एक बार स्थिति संभालने के लिए जागरूक करने का सफल प्रयास किया। साथ ही ऑक्सीजन लेवल पर नजर रखते हुए कम होने पर तत्काल चिकित्सालय पहुंचने पर भी जागरूक करते रहें।
अभियान का प्रभाव, मृत्यु दर में 40 से 50 प्रतिशत कमीः
जिला कलक्टर ओला ने बताया कि प्रशासन का यह प्रयास बहुत ही प्रभावी और सार्थक और सुकूनदायी रहा। उन्होंने बताया कि यह देखने में आया किं गांव-गांव किये गये इस सर्वे और जागरूकता से एक ओर जहां हम प्रारम्भिक लक्षणों एवं एएलआई लक्षणों तक वाले लोगों को चिन्हित कर तत्काल ही मेडिकल किट उपलब्ध करवाते हुए गंभीर संक्रमण की ओर जाने से रोकने में सफल हुये वहीं प्रारम्भिक स्तर पर ही मिले उपचार से मृत्यु दर में भी 40 से 50 प्रतिशत से भी अधिक गिरावट दर्ज हुई है।
अब होगा चिन्हित का फॉलोअप
जिला कलक्टर श्री ओला ने बताया कि अभियान के अगले चरण में पुनः चिन्हितों पर ही फोकस करते हुए उनका फॉलोअप किया जाएगा तथा इसके बाद पुनः रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने इस अभियान में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, पीईईओ, शिक्षकों, कर्मचारियों, आशा सहयोगिनियों, एएनएम, चिकित्साकर्मियों, सरपंच, वार्ड पंच तथा ग्रामवासियों के मिले अपूर्व सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि सभी के समन्वित प्रयासों से अभियान के उद्देश्य के सफलता मिली है। उन्होनें सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम सब के समेकित प्रयासों से कोरोना से आगे भी जंग जरूर जीतेंगे।