न पैसा, न गाड़ी : मनरेगा मजदूर महिला बनीं विधायक, बीजेपी ने दिया था टिकट

बंगाल की सल्टौरा निर्वाचन क्षेत्र में झौपड़े में रहने वाली मजदूर की पत्नी ने चुनाव जीतकर सबको चौंका दिया है। उसने बीजेपी की टिकट से चुनाव लड़ा था।

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बंगाल।

बंगाल की सल्टौरा निर्वाचन क्षेत्र में झौपड़े में रहने वाली मजदूर की पत्नी ने चुनाव जीतकर सबको चौंका दिया है। उसने बीजेपी की टिकट से चुनाव लड़ा था।

30 वर्षीय चंदना बाउरी ने तृणमूल कांग्रेस के संतोष कुमार मोंडल को 4,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया। इस सीट में सबसे दिलचस्प बात यह है कि पीएम ने खुद 21 मार्च को संबोधित करते हुए कहा था की बांकुरा की सालतोरा विस सीट से भाजपा उम्मीदवार चंदना बाउरी ममता बनर्जी को चुनौती देंगी। यह बात सच साबित हुई।  चंदना को 42167 मिले, जबकि संतोष को 38393 वोट मिले।

बेहद गरीब परिवार से है  चंदना बाउरी

आपको‌ बता दें कि भाजपा ने सालतोरा विधानसभा सीट से चंदना बाउरी नामक महिला को टिकट दिया। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल के चुनाव में चंदना सबसे गरीब उम्मीदवार थीं। चंदना के पास प्रचार के लिए न तो पैसे थे और न ही कोई गाड़ी। इसके अलावा उनके साथ समर्थकों का हुजूम भी नहीं था। फिर भी जीत गई।  चंदना झौपड़े में रहती है।

 

खाते में सिर्फ 6335 रुपए

बताया जा रहा है कि चंदना बाउरी के पति सरबन दिहारी मजदूरी का काम करते हैं। जो रोजाना सिर्फ 400 रुपए कमा पाते हैं। पति और पत्नी दोनों मनरेगा में पंजीकृत मजदूर हैं। महज़ 12वीं तक ही पढ़ी हैं। उनके तीन बच्चे भी हैं। चुनाव आयोग में दिए गए शपथ पत्र के मुताबिक चंदना के बैंक खाते में सिर्फ 6335 रुपये हैं। संपत्ति के नाम पर उनके पास 3 बकरियां, 3 गाय और एक झोपड़ी है। उनके घर में टॉयलेट तक नहीं है शपथपत्र के अनुसार उनके उनकी कुल अचल संपत्ति 31985 रुपए है। पार्टी के प्रति वह इतनी ज्यादा समर्पित हैं कि प्रचार के लिए रोजाना कमल के प्रिंट वाली भगवा रंग की साड़ी पहनकर निकलती थी।