कोरोनाकाल में भारत का सबसे बड़ा स्कैम: प्रति घंटे कमाई देने वाला पावर बैंक करोड़ों रुपए लेकर हुआ बंद

कोरोनाकाल में भारत का सबसे बड़ा स्कैम: प्रति घंटे कमाई देने वाला पावर बैंक करोड़ों रुपए लेकर हुआ बंद

झुंझुनूं। 

कोरोनाकाल, घर बैठे हुए लोग। काम-धंधे सब कुछ बंद। इंटरनेट पर युवा घर पर बैठे ही हुए शार्ट कट में पैसे कमाने के नए-नए तरीके ढूंढ रहे है। इसी दौरान एक पावर बैंक नाम का एप्प सामने आया, जो प्रति घंटे के हिसाब से कमाई कराने का दावा कर रहा था। एप्प में आपकी 150 रुपए कमाई होने पर आप इस राशि को तुरंत निकाल सकते थे। युवाओं के खूब फायदा हो रहा था, इसी कारण इस एप्प का ग्राफ बढ़ता गया और युवा अधिक से अधिक संख्या में जुड़ते गए, लेकिन एक दिन यह एप्प अचानक बंद हो गया। जिससे युवाओं के लाखों रुपए डूब गए। यह धोखाधड़ी कोरोनाकाल की सबसे बड़ी धोखाधड़ी मानी जा रही है। हालांकि अभी तक इस बारे में पुलिस थाने में कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है, लेकिन आने वाले समय में इस संबंध में मुकदमें दर्ज हो सकते है। 


पावर बैंक का क्या था सिस्टम 
पॉवर बैंक ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड करने के बाद रजिस्ट्रेशन कर आईडी बनानी होती थी। किसी रेफरल द्वारा इस पर रजिस्ट्रेशन करवाया जाता था। रेफरल को इसका कमीशन दिया जाता था। इसके बाद  तीन दिनों तक करीब दो रुपये प्रति घंटे के हिसाब से अर्निंग देता था। एप पर 600 से लेकर तीन लाख रुपए तक के रिचार्ज करने होते थे, रिचार्ज के अनुसार ही उपभोक्ताओं को प्रति घंटे की अर्निंग दी जाती थी। अर्निंग को अपने अकाउंट में डालने की सुविधा भी दी गई थी। किसी रेफरल द्वारा इस पर रजिस्ट्रेशन करवाया जाता था। रेफरल को इसका कमीशन दिया जाता था। फिर इसमें 600 रुपए का पावर बैंक खरीदा जाता था, दो पावर बैंक खरीदने पर आपको एक पावर बैंक आपको फ्री में दिया जाता था। यानी की 1200 रुपए निवेश करने पर आपका निवेश 1800 रुपए निवेश माना जाता था। इसके बाद 600 रुपए के प्रति घंटे के हिसाब से 1.45 रुपए की कमाई दी जाती थी। निवेश करने वाले के प्रतिदिन 104.40 रुपए की कमाई होती थी। एक माह में 3132 रुपए की कमाई होती थी। 150 रुपए होने पर राशि निकालने की सुविधा थी। इस कमाई पर 18 प्रतिशत टेक्स काटा जाता था। इसके अलावा दो मेंबर जोड़ने पर आपको 400 रुपए बोनस के दिए जाते थे। इसके अलावा अन्य स्कीम के जरिए भी अलग से बोनस दिया जाता था। इन ऐप में रेजर पे व पे यू प्लेटफार्म के माध्यम से भुगतान लेते थे। 


आठ मई को बंद किया पेमेंट देना
निशेंद्र शर्मा डूंडलोद ने बताया कि पावर बैंक ने आठ मई से पैसों निकासी बंद कर दी। इस एप्प ने नोटिस जारी कर अपने निवेशकर्ताओं को सूचना दी कि 14 मई को सर्वर सही होने पर भुगतान सबके खातों में आ जाएगा। इसी बीच 11 मई को पावर बैंक ने सभी की इनकम 600 से 1500 रुपए तक बढ़ा दी। 13 मई को पावर बैंक ने अचानक ऐप बंद कर दिया और प्ले स्टोर से भी हट गया। वेबसाइट का भी सर्वर बंद कर दिया गया। कंपनी की ओर से भुगतान इसकी कंपनियों के जरिए होता था। 


गूगल प्ले स्टोर पर टॉप 4 कैटेगिरी में था ऐप
पावर बैंक गूगल प्ले स्टोर पर फ्री बिजनेस की टॉप 4 कैटेगिरी में शामिल था, इसलिए लोगों ने भी इस ऐप पर विश्वास किया। 10 लाख से अधिक लोगों ने इस ऐप का डाउनलोड कर रखा था। पावर बैंक वाले सिर्फ टेलीग्राम के जरिए ही लोगों से जुड़ते थे। इस पर ही लोगों की शिकायतों का निराकरण करते थे। 

फरवरी में लांच हुआ था ऐप
सुशील कुमार सैनी ने बताया कि इंटरनेट के माध्यम से बीते फरवरी माह में पावर बैंक के नाम से एक ऑनलाइन एप लांच हुआ है। यह प्ले स्टोर से जरिए डाउनलोड होता था।  इसे ऑनलाइन बिजनेस बताकर झांसा दिया गया कि इसमें निवेश करने वालों को 105 रुपये प्रतिदिन और छह हजार लोगों को को 30 दिन में रुपए दोगुने कर दिए जाएंगे। विश्वास जमाने के लिए कई निवेशकों को दोगुनी रकम वापस भी की गई। एक-दूसरे से पता चलने पर बड़ी संख्या में युवाओं ने पावर बैंक ऐप पर पैसे निवेश किए। 


ट्वीटर पर ट्रेड हुआ था पावर बैंक स्कैम
एक ऐप बंद होने के बाद ट्वीटर पर पावर बैंक स्कैम ट्रेंड हुआ था। इस पर लोगों ने लिखा कि पावर बैंक ऐप ने देश के युवाओं का 100 करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला किया। इसे 2021 को बिग स्कैम करार दिया गया है। लोगों ने इस घोटाले के बारे में पीएमओ तक ट्वीट किया है। लोग मांग कर रहे है कि उनका निवेश किया गया पैसा वापस किया जाए। लोगों ने अलग-अलग तरह की मीम्स भी डाली। लोगों ने भारत सरकार से इस घोटाले की जांच करने की मांग की है। लोगों ने लिखा कि कोरोनाकाल में जब लोगों को पैसों की जरुरत है, उस समय इतना बड़ा स्कैम हो गया। युवाओं ने भारत सरकार  से प्ले स्टोर पर ऐसे फर्जी ऐप पर लगाम लगाने और पावर बैंक एप पर कार्रवाई करने की मांग की है। जानकारी के अनुसार यह ऐप दो या तीन कंपनियों के जरिए चलता था। लोगों ने मुख्यमंत्री से भी इस घोटाले की जांच करने की मांग की है।