धनुष तोप से लेकर सुपर रैपिड गन माउंट तक स्वीडिश कंपनी की पहली पसंद है भारत निर्मित हथियार

बीते कुछ वर्षों से भारत रक्षा के क्षेत्र में अव्वल दर्जे के हथियार तैयार कर रहा है। इन सब हथियारों की एक विश्वसनीय धमक विदेशों में भी बन चुकी है। भारत सरकार का ‘आत्मनिर्भर भारत’ का लिया हुआ संकल्प देश को न सिर्फ वैश्विक पटल पर और मजबूत कर रहा है, बल्कि भारत निर्मित स्वदेशी उपकरणों के प्रति विदेशी सेनाओं के भरोसे को भी दर्शा रहा है। इसका सबसे बढ़िया उदाहरण भारत द्वारा निर्मित धनुष नाम तोप है। बताना चाहेंगे कि 1987 में केन्द्र सरकार ने स्वीडन की कम्पनी से बोफोर्स खरीदा था। आज वही कंपनी भारत से भारत के कानपुर की ‘फील्ड गन फैक्ट्री’ में बनी हुई ‘धनुष’ नामक तोप खरीद रही है। यह तोप एक्यूरेसी (सटीक) और कंसिस्टेंसी (स्थिरता के साथ) में बोफोर्स से काफी बेहतर है।
क्या है धनुष तोप ?
प्रत्येक भारतवासी को यह जानकर गर्व होगा कि भारत ने डीआरडीओ और टाटा के साथ मिलकर एक ऐसी तोप बनाई है, जिसे खरीदने के लिए आज बड़े-बड़े देश उत्सुकता दिखा रहे हैं। धनुष नामक इस तोप पर कई वर्षों से काम चल रहा था। इस तोप का उन्नत संस्करण साल 2017 से ही बनकर तैयार है। इस तोप को दुनिया की बेहतरीन तोपों में से एक माना जाता है। इस तोप को आज से दो वर्ष पूर्व ही भारतीय सेना में शामिल किया गया था। बताना चाहेंगे कि इस तोप का सफलतापूर्वक परीक्षण मैदान, रेगिस्तान आदि के साथ सियाचिन जैसी सर्वाधिक ऊँची पोस्ट पर भी कई बार किया जा चुका है। 45 कैलिबर की 155 मिलीमीटर की ये तोप पुरानी बोफोर्स की तकनीक पर कानपुर की फील्ड गन फैक्ट्री ने बनाई है। पहली खेंप में दो तोपों को सेना को सौंपा गया था।
सुपर रैपिड गन माउंट भी भारत से खरीदेगी स्वीडिश कंपनी
जानकारी के लिए बता दें कि बोफोर्स बनाने वाली स्वीडिश कम्पनी, सुपर रैपिड गन माउंट को पहले इटली से खरीदती थी, लेकिन अब वह इसे भी भारत से खरीदेगी। भारतीय नौ सेना के युद्धक जलपोतों पर इस्तेमाल होने वाली सुपर रैपिड गन माउंट को आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत निर्मित किया गया है।
13 अगस्त 2020 को यह गन परीक्षण के लिए नौ सेना को हस्तांतरित की गई थी। इस गन को बनाने के लिए नौ सेना की ओर से वर्ष 2018 में निर्माणी को प्रस्ताव दिया गया था। इस गन की मारक क्षमता छह से सात किलोमीटर तक की है।
इन बंदूकों को स्वीडिश कंपनी पहले इटली से खरीदा करती थीं। इन बंदूकों को इटली की सेनाओं का मुख्य अंग माना जाता था।
अत्याधुनिक तकनीक से लैस है भारत निर्मित धनुष
मेक इन इंडिया के तहत भारत में निर्मित धनुष तोप बोफोर्स से भी ज्यादा ताकतवर है। इसकी मारक क्षमता 38 किमी है, जबकि बोफोर्स तोप की मारक क्षमता सिर्फ 32 किमी है। एक तोप एक घंटे में 42 राउंड फायर कर सकने में सक्षम है। 13 टन से भी कम वजन की होने के कारण इस तोप को आसानी से किसी भी दुर्गम इलाके तक आसानी से ले जाया जा सकता है। कई प्रकार के अत्याधुनिक तकनीक से लैस धनुष किसी भी मौसम और वातावरण में पूरी तरह से काम करने में सक्षम है। धनुष तोप में 81 फीसदी कलपुर्जे भारत में ही बने है जो मेक इन इंडिया को बढ़ावा दे रहे हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि रक्षा मंत्रालय स्वदेशी को बढ़ावा देकर करोड़ों रुपये की बचत कर रहा है। रक्षा उत्पादों का स्वदेश में निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी दी हुई है। इसमें से 49 प्रतिशत तक की एफडीआई को सीधे मंजूरी का प्रावधान है, जबकि 49 प्रतिशत से अधिक के एफडीआई के लिए सरकार से अलग से मंजूरी लेनी पड़ती है।