बहू हो तो ऐसी : कोरोना पॉजिटिव ससुर को पीठ पर उठाकर दो किमी चली बहू

असम।
सोशल मीडिया में इन दिनों एक फोटो खूब वायरल हो रही है, जिसमें एक युवती एक व्यक्ति को पीठ पर लादकर ले जाती हुई दिखाई दे रही है। कुछ लोग इसे नारी शक्ति की अद्भुत तश्वीर बता रहे है, कुछ लोग कहेंगे बहू हो तो ऐसी। इस फोटो के बारे में जांच पड़ताल की गई तो यह फोटो असम के नगांव की रहने वालीं 24 साल की निहारिका दास की है, जिसमें वह वाहन नहीं मिलने पर अपने कोरोना पॉजिटिव ससुर का इलाज कराने के लिए पीठ पर लादकर करीब दो किलोमीटर तक पैदल चली और अस्पताल में भर्ती कराया। यह फोटो मन को सकुन देने वाली भी क्योंकि एक तरफ जहां कुछ बहुएं अपने सास-ससुर को दुत्कारती रहती है और लड़ाई झगड़ा करती रहती है, लेकिन निहारिका ने ससुर की सेवा कर एक मिशाल पेश करते हुए आदर्श बहू का उदाहरण पेश किया है। निहारिका दास को अपने ससुर के कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना मिली। ससुर की तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण वह ससुर को अस्पताल ले जाने के लिए वाहन का इंतजार करती रही, लेकिन वाहन व एंबुलेंस नहीं आई। इसके बाद उसने अपने ससुर को अपनी पीठ पर लादकर लेकर गई। इस दौरान लोगों ने मोबाइल पर फोटो तो खींची, लेकिन मदद के लिए कोई आगे नहीं आया। इतनी कोशिशों के बाद भी वह अपने ससुर को नहीं बचा सकी।
दरअसल, 2 जून को निहारिका के ससुर थुलेश्वर दास में कोरोना के लक्षण दिखाई दिए थे। थुलेश्वर राहा क्षेत्र के भाटिगांव में सुपारी के विक्रेता हैं। तबीयत खराब होने पर उन्हें 2 किमी दूर राहा के स्वास्थ्य केंद्र ले जाने के लिए बहू निहारिका ने रिक्शे का इंतजाम किया। घर तक ऑटो रिक्शा आने के लिए रोड नहीं थी, ससुर चलने की स्थिती में नहीं थे, ससुर को पीठ पर ले जाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था। निहारिका के पति
पति काम के लिए सिलीगुड़ी में रहते हैं।
लोगों ने नहीं की मदद
एक तरफ जहां कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद लोगों ने अपने माता-पिता को अकेला छोड़ दिया, वहीं दूसरी तरफ निहारिका ने नारी शक्ति का उदाहरण देते हुए बिना डरे हुए अपने ससुर का इलाज करवाया, लेकिन निहारिका को इस बात का मलाल रहेगा कि उसके ससुर बच नहीं सके। निहारिका ने कहा कि नगांव पहुंचकर भी मुझे कोविड अस्पताल में ससुर को पीठ पर उठाकर सीढ़ियां चढ़नी पड़ीं। वहां मैंने मदद के लिए कहा, लेकिन कोई व्यक्ति आगे नहीं आया। मुझे लगता है कि मैं उस दिन ससुर को पीठ पर उठाकर करीब 2 किमी तक चली थी। इसी दौरान किसी ने निहारिका की फोटो खींच ली होगी। निहारिका भी कोरोना पॉजिटिव हैं। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को एक दूसरे की मदद करना चाहिए। हालांकि, निहारिका ने कहा कि फोटो में एक चीज नहीं दिख रही, वह यह है कि मैं उस समय अकेली और पूरी तरह से टूट चुकी महसूस कर रही थी।
In an amazing display of women-power today, Niharika Das, a young woman from Raha, carried her COVID positive father-in-law, Thuleshwar Das, on her back while taking him to the hospital. However, she too tested positive later.
— Aimee Baruah (@AimeeBaruah) June 4, 2021
I wish this inspiration of a woman a speedy recovery. pic.twitter.com/pQi6sNzG0I