गैर-मुस्लिम शरणार्थियों के लिए भारत की नागरिकता का रास्ता साफ, केंद्र ने अधिसूचना की जारी

गैर-मुस्लिम शरणार्थियों के लिए भारत की नागरिकता का रास्ता साफ, केंद्र ने अधिसूचना की जारी

केंद्र सरकार ने शरणार्थियों को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, केंद्र ने देश के 13 जिलों में रह रहे अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का फैसला किया है। इसके लिए इन लोगों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। 

देश के 13 जिलों में हैं ऐसे शरणार्थी 

बताना चाहेंगे, ये शरणार्थी गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा तथा पंजाब के 13 जिलों में हैं। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार रात इस बारे में अधिसूचना जारी की। अब नई अधिसूचना के साथ ऐसे शरणार्थियों के लिए भारत के नागरिक बनने का रास्ता साफ हो गया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना में क्या कहा ?

शुक्रवार रात केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा है, ‘नागरिकता कानून-1955 की धारा-16 में दिए गए अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को धारा-5 के तहत भारतीय नागरिक के तौर पर पंजीकृत करने या धारा-6 के अंतर्गत भारतीय नागरिकता का प्रमाणपत्र देने का फैसला किया है। मोरबी, राजकोट, पाटन, वडोडरा (गुजरात), दुर्ग और बलोदाबाजार (छत्तीसगढ़), जालौर, उदयपुर, पाली, बाड़मेर, सिरोही (राजस्थान), फरीदाबाद (हरियाणा) तथा जालंधर (पंजाब) में रह रहे पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश के गैर-मुस्लिम इसके तहत भारतीय नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के पात्र हैं।’

कैसे और कहां होगा आवेदन का सत्यापन ?

अधिसूचना के मुताबिक, ऐसे शरणार्थियों के आवेदन का सत्यापन राज्य के सचिव या जिले के डीएम कर सकेंगे। जिलाधिकारी या राज्य के गृह सचिव एक ऑनलाइन और लिखित रजिस्टर बनाएंगे। रजिस्टर में भारत के नागरिक के रूप में इस तरह के शरणार्थियों का पंजीकरण होगा।  इस तरह की जानकारी की एक प्रति सात दिनों के अंदर केंद्र सरकार को भेजनी होगी।

नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान

ज्ञात हो, दो साल पहले 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) कानून बना था। उस समय सीएए कानून का देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध हुआ था। तब से यह कानून अमल में नहीं लाया जा सका है। सीएए के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। ये ऐसे लोग होंगे, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ गए थे। बहरहाल, नई अधिसूचना से ऐसे लोग अब भारत के नागरिक हो सकेंगे। 

 

(इनपुट-हिंदुस्थान समाचार)