शपथ दिलाने के बाद छोटी बहन बोलकर गवर्नर ने याद दिलाया 'राजधर्म', ममता ने भी दिया जवाब

कोरोना संकट काल और उसकी गाइडलाइन्स की वजह से शपथ ग्रहण समारोह छोटा ही रखा गया है. ममता बनर्जी ने अकेले ही शपथ ली है. इस दौरान मंच पर ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ ही नजर आए. दोनों ने एक-दूसरे के सामने हाथ जोड़कर अभिवादन स्वीकार किया.

शपथ दिलाने के बाद छोटी बहन बोलकर गवर्नर ने याद दिलाया 'राजधर्म', ममता ने भी दिया जवाब

कोलकाता
पश्चिम बंगाल में आज से तीसरी बार ममता सरकार

ममता बनर्जी ने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली

विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद आज ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री पद की तीसरी बार शपथ ली. यानी एक बार फिर बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस की सरकार बन गई है. 
कोरोना संकट काल और उसकी गाइडलाइन्स की वजह से शपथ ग्रहण समारोह छोटा ही रखा गया है. ममता बनर्जी ने अकेले ही शपथ ली है. उनके साथ किसी भी मंत्री ने शपथ नहीं ली है.

इस दौरान मंच पर ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ ही नजर आए. दोनों ने एक-दूसरे के सामने हाथ जोड़कर अभिवादन स्वीकार किया. हालांकि, कुछ देर बाद ही राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बयानों में तल्खी नजर आई.

शपथ लेने के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता कोरोना के खिलाफ लड़ाई रहेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि हिंसा की घटना बर्दाश्त नहीं होगी, और ऐसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
ममता के बाद राज्यपाल ने भी चुनाव बाद हिंसा का मुद्दा उठाया. ममता बनर्जी को अपनी छोटी बहन बताते हुए राज्यपाल ने उन्हें कानून व्यवस्था के मुद्दे पर नसीहत दे डाली. राज्यपाल ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था का राज होना चाहिए. उम्मीद है ममता संविधान के हिसाब से चलेंगी.

राज्यपाल की इस टिप्पणी का ममता ने भी जवाब दिया. ममता ने चुनाव आयोग को निशाने पर लिया और कहा कि अभी तक सबकुछ चुनाव आयोग के अधीन था, चुनाव आयोग ने काफी अधिकारियों को बदल दिया था, मैंने अभी शपथ ली है, नए सिरे से व्यवस्था करूंगी.

पीएम मोदी ने दी बधाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ''पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर ममता दीदी को बधाई.''

ममता को मिली है बंपर जीत बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी ने ताकत झोंकी थी, ऐसा लग रहा था कि बंगाल का मुकाबला फंस सकता है. लेकिन जब नतीजे आए तो बीजेपी तृणमूल कांग्रेस की आंधी के आगे कहीं नहीं टिक पाई. 292 सीटों (2 सीटों पर चुनाव नहीं हुए) में से टीएमसी के खाते में 213 सीटें गईं, जबकि भाजपा 77 पर सिमट गई.