कोविड संक्रमण से ठीक होने के बाद छाती में है भारीपन, अपनाएं यह प्राणायाम

शरीर में बलगम रहना रोग का सूचक होता है। बलगम से पूरे शरीर में भारीपन महसूस होता है और कई समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में छाती और गले में बलगम को दूर करने में योग काफी सहायक है। वहीं, कोविड संक्रमण से ठीक होने के बाद यदि किसी व्यक्ति को छाती में जकड़न महसूस हो रही है और नाक व गला बंद सा लगता है तो ऐसे में वह कौन-सी योग क्रियाएं कर इस समस्या से निजात पा सकता है, आइए विस्तार से जानते हैं उनके बारे में...
छाती में बलगम जमा होने से शरीर में भारीपन होता है महसूस
योग गुरु आचार्य प्रतिष्ठा का कहना है कि बहुत से लोगों की रिपोर्ट आ गई हैं और वे कोरोना संक्रमण से रिकवर भी कर चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें महसूस होता है कि जैसे उनकी छाती में म्यूकस जमा हुआ है। कुछ को गले में म्यूकस जमा लगता है, कुछ को नाक के पीछे लगता है, यानि बलगम जमा हुआ जैसा कोई रुकावट समान अनुभव होता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है योग
अगर ऐसी समस्या हो रही है तो यह बहुत आवश्यक है कि आप नियमित रूप 'उज्जायी प्राणायाम' का अभ्यास करें। दरअसल, उज्जायी प्राणायाम इस समस्या में रामबाण का काम करता है। आइए अब जानते हैं कि कैसे इस प्राणायाम का अभ्यास किया जा सकता है...?
अपनाएं ये प्राणायाम
सबसे पहले हम जमीन पर कमर को सीधा रखते हुए योग मुद्रा में बैठते हैं। उसके बाद अपनी जीभ को मुंह के भीतर की ओर फोल्ड कर लेते हैं। इस दौरान हमारी जीभ मुख में ऊपरी तालू को टच करेगी। इसके बाद हमें छाती में सांस भरते हुए उसके बाद दोबारा सांस बाहर छोड़ते हुए खर्राटे जैसी आवाज निकालनी है। बहुत से लोग कहते हैं कि बांसुरी जैसी आवाज निकालनी है, या ओउम ध्वनि की आवाज निकालनी है तो बता दें, आपको ऐसा बिलकुल भी नहीं करना है। 'उज्जायी प्राणायाम' के दौरान आपको केवल खर्राटे जैसी आवाज ही निकालनी है।
दरअसल, इस मुद्रा में जब आपकी खर्राटे जैसी आवाज निकलेगी तब आपको महसूस होगा कि जब आप नाक से सांस ले रहे हैं, तो वह वायु नाक के पीछे टच करते हुए गले को टच करते हुए बाहर आ रही है। इस प्रक्रिया को करते समय आपके गले में म्यूकस आ जाना, स्पिट करने का मन करना बेहद स्वाभाविक है और वास्तव में उस म्यूकस को ही निकालने के लिए हम इस प्राणायाम का अभ्यास करते हैं। अगर ऐसा होता है तो ब्रेक लें और फिर उसे स्पिट कर दें और आगे फिर से इसका अभ्यास करें।
छाती और गले में बलगम को दूर करने में सहायक है योग
इस प्राणायाम का अभ्यास आपको कम से कम 10 बार करना है। इसके साथ-साथ आप एक काम और कर सकते हैं। यदि आपको अपने शरीर में बहुत म्यूकस जमा लग रहा है तो आप सुबह के समय एक लहसुन की फली को चबाकर खा सकें तो यह बहुत लाभकारी होगा और अगर आप लहसुन का सेवन नहीं कर सकते तो दो चम्मच शहद में एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर उसका सेवन कीजिए। यह भी शरीर में जमा बलगम को निकालने में बहुत लाभकारी है।
नियमित प्राणायाम करने से श्वसन तंत्र बनता है मजबूत
योग की इन क्रियाओं का अभ्यास आप नियमित रूप से करें तो छाती में बलगम व जकड़न की समस्या दूर हो जाएगी और आपकी श्वसन प्रक्रिया बेहतर बनेगी।