अब मकान बनाने से पहले पेड़ लगाना अनिवार्य, मध्य प्रदेश सरकार की अनूठी पहल

पेड़ लगाइए, पर्यावरण बचाइए- यह महज एक वाक्यांश नहीं है। मानव समाज और सभी देशवासियों की इस पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी है। आज 'विश्व पर्यावरण दिवस' है। इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया और नागरिकों को उनकी पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी को समझाया। इसी कड़ी में आज मध्य प्रदेश में भी एक अहम फैसला लिया गया है। मध्य प्रदेश में अब बिल्डिंग परमिशन के लिए पेड़ लगाना जरूरी हो गया है। यह नियम सभी नगर निगम, नगर पालिकाओं और नगर और ग्राम पंचायतों में लागू होगा।
इसके अलावा सरकारी योजना के अंतर्गत बनने वाले मकानों के लिए भी यह नियम लागू होगा। गौरतलब हो, ऐसा नियम बनाने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि पेड़ ही जीवित ऑक्सीजन प्लांट है। पेड़ हमें जीवन देते हैं, एक बड़ा पेड़ कई पक्षियों, जीव-जंतुओं को आश्रय प्रदान करता है। प्रत्येक पेड़ की पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में भूमिका है।
मकान बनाने से पहले पेड़ लगाना अनिवार्य
विश्व पर्यावरण दिवस पर शनिवार को निवाड़ी जिले में अंकुर अभियान की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अब बिल्डिंग परमिशन इसी शर्त पर दी जाएगी कि मकान बनाने वाला व्यक्ति एक पेड़ अवश्य लगाएगा। नगर निगम हो, नगर पालिका, नगर पंचायत अर्थात जिस भी स्तर का नगरीय निकाय हो बिल्डिंग परमिशन के लिए पौधा लगाने की शर्त अनिवार्य होगी। घर पर जगह न होने की स्थिति में पार्क या सार्वजनिक स्थल पर पौधा लगाना होगा और उसकी सुरक्षा करनी होगी।
मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में बनाने होंगे जितने फ्लैट, लगाने पड़ेंगें उतने पेड़
इसके लिए गांवों में भी ग्राम पंचायतों की यह जिम्मेदारी होगी कि जो भी मकान बने, उसमें एक पेड़ अवश्य लगे। यह शर्त प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बनने वाले आवासों पर भी लागू रहेगी। घरों के अलावा स्कूल, पंचायत भवन, खेत आदि में पेड़ लगाए जाएंगे। सरकारी भवनों और कार्यालयों के लिए भी यह शर्त रहेगी। मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में जितने फ्लेट बनेंगे, उतने पेड़ बिल्डर को लगाने होंगे। सभी शासकीय, गैर-शासकीय भवनों के निर्माण में पेड़ लगाने की शर्त जोड़ी जाएगी।
पौधारोपण है जीवन रोपण के समान
इसे लेकर मुख्यमंत्री शिवराज कहते हैं कि व्यक्ति स्व-प्रेरणा से भी पेड़ लगाएंगे, क्योंकि पर्यावरण सुधार हमारे लिए नारा नहीं मंत्र है। सभी प्रदेशवासियों को साल में एक बार पेड़ अवश्य लगाना चाहिए, क्योंकि पौधारोपण जीवन रोपण के समान है। पेड़ ही जीवित ऑक्सीजन प्लांट है। पेड़ हमें जीवन देते हैं, एक बड़ा पेड़ कई पक्षियों, जीव-जंतुओं को आश्रय प्रदान करता है। प्रत्येक पेड़ की पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में भूमिका है।
अपने परिजनों की याद में और खुशी पर लगाएं पौधा
मुख्यमंत्री चौहान का कहना है कि प्रदेशवासियों से हर खुशी के मौके, जन्म-दिन, विवाह वर्षगांठ और माता-पिता व अपने प्रिय व्यक्तियों की पुण्यतिथि पर उनकी याद में एक पौधा जरूर लगाना चाहिए। इसलिए आज यह जन-सहभागिता से वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने के लिए अंकुर कार्यक्रम आरंभ किया गया है। वे कहते हैं कि यदि हमें धरती बचानी है और धरती को आने वाली पीढ़ियों के रहने लायक रखना है तो पर्यावरण बचाना आवश्यक है। इसके लिए पेड़ लगाना, नदियों को बचाना आवश्यक है।
मध्य प्रदेश में हुआ था वायुदूत एप लॉन्च
उल्लेखनीय है कि बुद्ध पूर्णिमा पर 26 मई को इसके लिए वायुदूत एप लॉन्च किया गया था। इस कार्यक्रम में अब तक 15 हजार से अधिक प्रतिभागियों द्वारा रजिस्ट्रेशन कराया गया है। लगभग 2,500 से अधिक प्रतिभागियों द्वारा वृक्षारोपण कर एप पर उसके फोटो अपलोड किए गए हैं। जो पेड़ लगाएंगे उन्हें वृक्ष वीर और वृक्ष वीरांगना की संज्ञा मध्य प्रदेश में दी जाएगी। इनमें से चयनित प्रतिभागियों को 'प्राणवायु अवॉर्ड' से सम्मानित भी किया जाएगा।